चमत्कारी शनि मंदिर

शनि देव के भारत में तमाम मंदिर हैं लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहां शनि देव साक्षात विराजमान होते हैं। भक्तों पर शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहता है। शनि देव भक्तों पर जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी गलतियों को क्षमा भी कर देते हैं। जो भक्त शनि देव के सामने …

सर्व कार्य सिद्धि व शत्रु नाशक हनुमान मंत्र

कलियुग के समय में हनुमान जी सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवों में से एक है | ऐसा इसलिए, क्योंकि वे अपने भक्त पर अतिशीघ्र प्रसन्न होकर उनको फल प्रदान करते है | यूँ तो सभी भक्त अपने-अपने भक्ति भाव व श्रद्धा भाव से हनुमान जी को प्रसन्न करने का प्रयास करते है लेकिन फिर …

भगवान शिव के 108 नाम अर्थ सहित

ॐ नमः शिवाय शिवजी भगवान का एक भीष्म रूप हैं जिनकी कई विशेषताएं है। इसलिए भगवान शिवजी की विशेषताओं और उनके शक्ति के आधार पर उनके 108 नाम हैं।  भगवान शिव जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म के इस अंतहीन चक्र के पीछे गतिशील शक्ति के रूप में है। यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव …

श्रीसूर्यस्तुति

जयाच्या रथा एकची चक्र पाही ।नसे भूमि आकाश आधार काही ।असे सारथी पांगुळा ज्या रथासी ।नमस्कार त्या सूर्यनारायणासी ॥ १ ॥करी पद्म माथां किरीटी झळाळी । प्रभा कुडलांची शरीरा निराळी ।पहा रश्मि ज्याची त्रिलोकासि कैसी ।नमस्कार त्या सूर्यनारायणासी ॥ २ ॥सहस्त्रद्वये दोनशें आणि दोन ।क्रमी योजनें जो निमिषार्धतेन ।मना कल्पवेनाजयाच्या त्वरेसी ।नमस्कार त्या सूर्यनारायणासी ॥ ३ …

माता वैष्णो देवी मंदिर से जुड़े इन रहस्यों के बारे में कितना जानते हैं आप?

वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय और माने जाने वाले धार्मिक मंदिरों में एक है। जम्मू में त्रिकुटा पहाड़ियों में मौजूद वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए यहां हर साल लाखों लोग आते हैं। लेकिन नवरात्रों में लाखों की संख्या करोड़ों में भी बदल जाती है। ऐसा माना जाता है कि माता वैष्णो …

काली माता जी की आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से है बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम …

शनिदेव के 5 मंत्र

वैदूर्य कांति रमल:, प्रजानां वाणातसी कुसुम वर्ण विभश्च शरत:।अन्यापि वर्ण भुव गच्छति तत्सवर्णाभि सूर्यात्मज: अव्यतीति मुनि प्रवाद:।।भावार्थ:-जब शनि ग्रह वैदुर्यरत्न या बनफूल या अलसी के फूल जैसे शुद्ध रंग से प्रकाशित होता है, तो यह विषयों के लिए शुभ फल देता है, यह अन्य पात्रों को प्रकाश देता है, फिर उच्च वर्णों को समाप्त करता …

श्री हनुमान स्तुति लिरिक्स

हनुमान स्तुति प्रनवउ पवनकुमार खल बल पावक ग्यानधन |जासु ह्रदय आगार बसही राम शर चाप धर || अतुलित बलधामम हेम शैलाभदेहम,दनुज वन कृशानुम ज्ञानिनामग्रगण्याम |सकल गुणनिधामम वानराणामधीशं,रघुपति प्रियभक्तं वातजातम नमामि || गोष्पदीकृतवारीशम मशकीकृतराक्षसम,रामायणं महामालारत्नं वंदेहं निलात्मजम |अंजनानंदनम वीरम जानकीशोकनाशणम,कपीशमक्षहंतारं वंदे लंकाभयंकरम || उल्लंघ्यम सिन्धो: सलिलम सलिलम,यः शोकवाहिनम जनकात्मजाया |आदाय तनैव ददाह लंका,नमामि तम प्रांजलि रान्जनेयं …

क्यों भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है ?

भगवान विष्णु की साधना क्यों ? सृष्ट्रि की उत्पति का कार्य जहां ब्रह्म द्वारा संचालित होता है, वहा जीवन के पश्चात मृत्यु तक पालन-पोषण का प्रबंध विष्णु देखते है। साधक को यदि पूर्ण शांति, परम वैराग्य और साक्षात् सामीप्य एवं कृपा की आवश्यकता है, तो इसके लिए वैकुण्ठाधिपति विष्णु की साधना आवश्यक मानी गई है। …

श्री विष्णु चालीसा

भगवान् विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए विष्णु चालीसा एक महत्वपूर्ण साधन है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान् विष्णु इस श्रृष्टि के पालनहार हैं. वे सदा समस्त प्राणियों पर अपनी कृपा दृष्टि रखतें हैं. वे इस श्रृष्टि के समस्त प्राणियों का पालन-पोषण करतें हैं. श्री विष्णु चालीसा **दोहा** विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय *कीरत कुछ …