श्री नरसिंह की आरती(विज्ञापन के बिना)
ओम जय नरसिंह हरे,प्रभु जय नरसिंह हरे |स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे,जनका ताप हरे || || ओम जय नरसिंह हरे… || तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी,प्रभु भक्तन हितकारी |अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर,प्रकटे भय हारी || || ओम जय नरसिंह हरे… || सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी,प्रभु दुस्यु जियो …