गणेश मंत्र एवं स्तोत्र

1. वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा . 2. ॐ एकदन्ताय विद्धमहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ति प्रचोदयात् . 3. ॐ लम्बोदराय नमः . 4. ऊँ गं गणपतये नम: . 5. ऊँ श्री गणेशाय नम: . 6. ऊँ नमो भगवते गजाननाय .  ऊँ वक्रतुण्डाय हुम् . 7. ॐ नमो सिद्धि विनायकाय सर्व कार्य …

भगवान विष्णु के मंत्र

विष्णु गायत्री महामंत्र ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम। विष्णु कृष्ण अवतार मंत्र श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।। विष्णु जी के बीज मंत्र ॐ बृं बृहस्पतये नम:। ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:। ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:। ॐ गुं …

भगवान शिव के 5 मंत्र

1.पंचाक्षरी शिव मंत्र  ‘ओम नमः शिवाय’ यह 5 अक्षर का शिव मंत्र है ‘‘मैं भगवान शिव को प्रणाम करता हूं’’। यह भगवान शिव के सबसे मूल और शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, प्रतिदिन 108 बार पंचाक्षरी शिव मंत्र का पाठ करने से आपके शरीर और आत्मा की शुद्धि हो सकती …

सोऽहम् मंत्र का उपयोग

मंत्र के रूप में, सोऽहम् का लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का प्राथमिक उद्देश्य है क्योंकि यह जो ध्वनि बनाता है वह सांस लेने की आवाज की तरह है और हर इंसान को सांस लेनी चाहिए। यह स्वीकार करता है कि हम सभी की प्रकृति, जीवन शक्ति, निर्माता और उत्पत्ति समान है। मंत्र का …

वासुपूज्य भगवान की आरती

ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी । पंचकल्याणक अधिपति (२), तुम अन्तरयामी ॥ ॐ जय वासुपूज्य स्वामी … चंपापुर नगरी भी धन्य हुई तुमसे स्वामी धन्य। जयराम वासुपूज्य (२), मात पिता हर्षे।। ॐ जय वासुपूज्य स्वामी … बाल ब्रह्मचारी बन, महाव्रत को धारा । (२) प्रथम बालयति जग ने (२), तुमको स्वीकारा ॥ …

ब्रह्मा जी कि आरती

पितु मातु सहायक स्वामी सखा,तुम ही एक नाथ हमारे हो।जिनके कुछ और आधार नहीं,तिनके तुम ही रखवारे हो ।सब भॉति सदा सुखदायक हो,दुख निर्गुण नाशन हरे हो ।प्रतिपाल करे सारे जग को,अतिशय करुणा उर धारे हो ।भूल गये हैं हम तो तुमको,तुम तो हमरी सुधि नहिं बिसारे हो ।उपकारन को कछु अंत नहीं,छिन्न ही छिन्न …

कनकधारा स्तोत्रम्

1 》अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालमअंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया 2 》मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानिमाला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा मै श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया 3 》विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्षमानन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपिईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धमिन्दोवरोदर सहोदरमिन्दिराय 4 》आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दमानन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्आकेकर स्थित कनी निकपक्ष्म नेत्रं भूत्यै भवेन्मम भुजंगरायांगनाया 5 》बाह्यन्तरे मधुजित: श्रितकौस्तुभै या हारावलीव हरि‍नीलमयी विभातिकामप्रदा …

श्री व्यंकटेश आरती(विज्ञापन के बिना)

शेषचल अवतार तारक तू देवासुरवर मुनिवर भावे कृति जन सेवा ||कमला रमण अस्सी असंख्य अंक रखेंकमलाक्ष माज रक्षिणी सतवर वर दयाव || 1 ||जय देव जय देव जय वेंकटेश |केवल करुणासिंधु पूर्वी आशा || धृ. ||हे निजवैकुंठ महनुनी ध्यानों में तू तेनदखविसी गुना कैसे सकल लोकते ||देखुनी तुझे स्वरूप सुख अदभुत होतेध्यात तुझला श्रीपति द्रध …

कुबेर जी की आरती(विज्ञापन के बिना)

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे |शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे,|| ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे || शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े |दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े |||| ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे || स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे,स्वामी सिर पर छत्र …

तुलसी माता की आरती(विज्ञापन के बिना)

जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता |सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता||मैया जय तुलसी माता|| सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर|रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता|मैया जय तुलसी माता|| बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या|विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता|मैया जय तुलसी माता|| हरि …