हनुमान बजरंग बाण
|| श्री बजरंग बाण || ॥ दोहा ॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान ।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ जय हनुमन्त सन्त हितकारी, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।जन के काज विलम्ब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै।जैसे कूदि सिन्धु महिपारा, सुरसा बदन पैठि विस्तारा ।आगे जाय लंकिनी रोका, …