आरती साईबाबा | सौख्यदातार जीवा |
चरणरजातली | द्यावा दासा विसावा, भक्ता विसावा ||
जाळुनियां अनंग | स्वस्वरूपी राहेदंग |
मुमुक्षूजनां दावी | निज डोळा श्रीरंग ||
जयामनी जैसा भाव | तया तैसा अनुभव |
दाविसी दयाघना | ऐसी तुझीही माव ||
तुमचे नाम ध्याता | हरे संस्कृती व्यथा |
अगाध तव करणी | मार्ग दाविसी अनाथा ||
कलियुगी अवतार | सगुण परब्रह्मः साचार |
अवतीर्ण झालासे | स्वामी दत्त दिगंबर ||
आठा दिवसा गुरुवारी । भक्त करिती वारी |
प्रभुपद पहावया | भवभय निवारी ||
माझा निजद्रव्यठेवा | तव चरणरज सेवा ||
मागणे हेचि आता | तुम्हा देवाधिदेवा ||
इच्छित दिन चातक | निर्मल तोय निजसुख |
पाजावे माधवा या | सांभाळ आपुली भाक ||
आरती साईबाबा | सौख्यदातार जीवा |
चरणरजातली | द्यावा दासा विसावा, भक्ता विसावा ||
आरती साईबाबा ||