भगवान शिव के 5 मंत्र

1.पंचाक्षरी शिव मंत्र 

‘ओम नमः शिवाय’

यह 5 अक्षर का शिव मंत्र है ‘‘मैं भगवान शिव को प्रणाम करता हूं’’। यह भगवान शिव के सबसे मूल और शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, प्रतिदिन 108 बार पंचाक्षरी शिव मंत्र का पाठ करने से आपके शरीर और आत्मा की शुद्धि हो सकती है। यह सभी प्रकार से भगवान शिव का आशीर्वाद लेने में आपकी मदद कर सकता है।

2. रुद्र मंत्र

‘ओम नमो भगवते रुद्राय’

यह शक्तिशाली शिव मंत्र आपको भगवान शिव का आशीर्वाद पाने में मदद करता है। इस शिव मंत्र का पाठ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

3. शिव गायत्री मंत्र

‘‘ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहिं तन्नो रुद्रा प्रचोदयात्’’

गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। अतः भगवान शिव के गायत्री मंत्र की शक्ति अनंत है। भगवान शिव को प्रसन्न करने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करें।

4. शिव ध्यान मंत्र

‘‘करचरणकृतं वा कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसं वा पराधं।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥’’

भगवान शिव का यह मंत्र आपके सभी पापों के लिए भगवान शिव से क्षमा दिलाता है। यह शक्तिशाली मंत्र आपको आपके पापों के प्रतिकूल परिणामों से बचा सकता है।

5. महा मृत्युंजय मंत्र

“ओम त्रंर्यबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धानाथ मृत्योर्मुक्षिय मामृतात।।

मृत्यु के भय से बचने के लिए इस शक्तिशाली मंत्र का पाठ किया जाता है। गंभीर बीमारी व जीवन और मृत्यु की परिस्थितियों के दौरान इस शक्तिशाली शिव मंत्र का जाप भक्तों को नकारात्मक परिणामों से बचा सकता है।

क्या आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है? बुरे प्रभावों और नकारात्मकता को कम करने के लिए इन शक्तिशाली शिव मंत्रों का जाप करें।

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