कलियुग के समय में हनुमान जी सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवों में से एक है | ऐसा इसलिए, क्योंकि वे अपने भक्त पर अतिशीघ्र प्रसन्न होकर उनको फल प्रदान करते है | यूँ तो सभी भक्त अपने-अपने भक्ति भाव व श्रद्धा भाव से हनुमान जी को प्रसन्न करने का प्रयास करते है लेकिन फिर भी शास्त्रों में कुछ ऐसे उपाय निहित है जिन्हें करने से वे अतिशीघ्र प्रसन्न होते है |
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा , संकटमोचन हनुमानअष्टक, बजरंगबाण व सुंदर काण्ड आदि का पाठ करते है उन्हें चौला अर्पित करते है, मंगलवार को व्रत आदि रखते है इन सबके अतिरिक्त बहुत से ऐसे मंत्र भी है जो हनुमान जी को कर्णप्रिय है व जिनके उच्चारण मात्र से हनुमान जी प्रसन्न होते है |
आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे मंत्र के विषय में जानकारी देने वाले है जिसके विधिवत जप करने से जातक के कठिन से कठिन कार्य भी सिद्ध होने लगते है | इसके साथ-साथ शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए भी यह मंत्र श्रेष्ठ सिद्ध होता है |
सर्व कार्य सिद्धि व शत्रु नाशक हनुमान मंत्र :-
ॐ एं ह्रीं श्रीं नमो भगवते हनुमते , मम कार्येषु ज्वल ज्वल, प्रज्वल
असाध्यं साधय साधय मां रक्ष रक्ष , सर्व दुष्टेभ्यो हूँ फट् स्वाहा ।
मंत्र जप विधि :- हनुमान जी के उपरोक्त मंत्र का जप किसी मंगलवार के दिन से शुरू कर लगातार सातवें मंगलवार तक लगातार करना है | प्रतिदिन कम से कम 108 की संख्या में मंत्र जप करें | मंत्र जप से पहले भगवान श्री गणेश जी को नमन करें, फिर हनुमान जी का स्तुति मंत्र बोले व इसके बाद उपरोक्त हनुमान मंत्र के जप आरम्भ करें | मंत्र जप के लिए आप रुद्राक्ष या कमलगट्टे की माला का प्रयोग कर सकते है | मंत्र जप काल में प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद रूप में वितरण करें |
उपरोक्त मन्र द्वारा हनुमान जी की आराधना करने से आपने जिस भी कार्य की सिद्धि के लिए मंत्र जप किये है वह अवश्य ही पूर्ण होता है व साथ ही हर प्रकार के शत्रुओं का नाश होता है |