मान्यता है कि भगवान राम के नाम का जाप करने मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइये जाने भगवान राम से जुड़े कुछ विशेष मंत्र
तारक मंत्र
तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में लिख दिया है कि प्रभु के जितने भी नाम प्रचलित हैं, उन सब में सर्वाधिक श्री फल देने वाला नाम राम का ही है।
यह नाम सबसे सरल, सुरक्षित तथा निश्चित रुप से लक्ष्य की प्राप्ति करवाने वाला है। मंत्र जप के लिए आयु, स्थान, परिस्थिति, काल, जात-पात आदि किसी भी बाहरी आडम्बर का बंधन नहीं है। किसी क्षण, किसी भी स्थान पर इसे जप सकते हैं।
जब मन सहज रूप में लगे, तब ही मंत्र जप कर लें। तारक मंत्र ‘श्री’ से प्रारंभ होता है। ‘श्री’ को सीता अथवा शक्ति का प्रतीक माना गया है। राम शब्द ‘रा’ अर्थात् र-कार और ‘म’ मकार से मिल कर बना है। ‘रा’ अर्थात् र-कार और ‘म’ मकार से मिल कर बना है। ‘रा’ अग्नि स्वरुप है। यह हमारे दुष्कर्मों का दाह करता है। ‘म’ जल तत्व का द्योतक है। जल आत्मा की जीवात्मा पर विजय का कारक है।
इस प्रकार पूरे तारक मंत्र – ‘श्री राम, जय राम, जय जय राम’ का सार निकलता है – शक्ति से परमात्मा पर विजय। योग शास्त्र में देखा जाए तो ‘रा’ वर्ण को सौर ऊर्जा का कारक माना गया है। यह हमारी रीढ़-रज्जू के दाईं ओर स्थित पिंगला नाड़ी में स्थित है।
यहां से यह शरीर में पौरुष ऊर्जा का संचार करता है। ‘मा’ वर्ण को चन्द्र ऊर्जा कारक अर्थात स्त्री लिंग माना गया है। यह रीढ़-रज्जू के बांई ओर स्थित इड़ा नाड़ी में प्रवाहित होता है।
इसीलिए कहा गया है कि श्वास और निश्वास में निरंतर र-कार ‘रा’ और म-कार ‘म’ का उच्चारण करते रहने से दोनों नाड़ियों में प्रवाहित ऊर्जा में सामंजस्य बना रहता है। अध्यात्म में यह माना गया है कि जब व्यक्ति ‘रा’ शब्द का उच्चारण करता है तो इसके साथ-साथ उसके आंतरिक पाप बाहर फेंक दिए जाते हैं। इससे अंतःकरण निष्पाप हो जाता है।
कार्य में सफलता पाने के लिए श्री राम के इन मंत्रो का जाप करना चाहिए। (Ram ji ka mantra)
ॐ राम ॐ राम ॐ राम ।
ह्रीं राम ह्रीं राम ।
श्रीं राम श्रीं राम ।
रामाय नमः ।
रां रामाय नमः
सौभाग्य और सुख की प्राप्ति के लिए श्री राम के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
श्री राम जय राम जय जय राम ।
श्री रामचन्द्राय नमः ।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।
अकाल मृत्यु के निवारण हेतु श्री राम के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।
दरिद्रता को दूर भगाने के लिए श्री राम का यह मंत्र अति फलदायी माना जाता है।
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद दवारि के।।
पुत्र प्राप्ति के लिये श्री राम का इस मंत्र द्वारा स्मरण करना चाहिए।
“प्रेम मगन कौसल्या निसिदिन जात न जान।
सुत सनेह बस माता बालचरित कर गान।।’
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि बाट।।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिये श्री राम का इस मंत्र द्वारा स्मरण करना चाहिए।
जिमि सरिता सागर महुँ जाही। जद्यपि ताहि कामना नाहीं
तिमि सुख संपति बिनहिं बोलाएँ। धरमसील पहिं जाहिं सुभाएँ